कुरआन को तजवीद से पढो
कुरआन मजीद अल्लाह का कलाम है इसको हमेशा
तजवीद व तरतील (ढहर ढहर कर किरअत से पढना )
से पढना चाहिए इससे ज़ोक व लज्जत हासिल होती है
जब कुरआन पढो तो दिल से पढो और दिल को तवज्जोह
के साथ मशगूल रखो कि बुरे व गलत खयाल बिल्कुल न आने पाए
हजरत ख्वाजा निजामुदीन ओलिया रहमतुल्लाही अलैहि
साथी है कोई और न कोई जादे सफ़र है
अल्लाह पे भरोसा है मुहम्मद पे नजर है ..
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