जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सकें उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ्ज़ो को बर्बाद करना हैं "हज़रत अली
"

Wednesday 19 December 2012

IDARIYA

कुरआन को तजवीद से पढो 

कुरआन मजीद अल्लाह का कलाम है इसको हमेशा
तजवीद व तरतील (ढहर ढहर कर किरअत से पढना )
से पढना चाहिए इससे ज़ोक व लज्जत हासिल होती है
जब कुरआन  पढो तो दिल से पढो और दिल को तवज्जोह
के साथ मशगूल रखो कि बुरे व गलत खयाल बिल्कुल न आने पाए  
हजरत ख्वाजा निजामुदीन ओलिया रहमतुल्लाही अलैहि  
साथी है कोई और न कोई जादे सफ़र है 
अल्लाह पे भरोसा है मुहम्मद पे नजर है ..  


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