जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सकें उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ्ज़ो को बर्बाद करना हैं "हज़रत अली
"

Tuesday, 18 December 2012

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                                   ये है दामन ये है गरीबां ,आओ कोई काम करे .
                                  मौसम का मुंह तकते रहना काम नहीं दीवानों का .


पैगाम 
        असलाम आलेकुम 

अल्लाह तबारक वतआला  का बड़ा ही करम और एहसान है की उसने हम जेसे नकारो को अशरफुल मख्लूकात का ताज पहनाकर अपने प्यारे महबूब  सल्लल्लाहु तआला  अलैहि वआलिही वअस्हाबिहि वबारक
वसल्लम कि मुकद्र्द्स   उम्मत में पैदा फ़रमाया .दुनिया में भटकते इंसानों की रहबरी और हिदायत के लिए कमोबेश एक लाख कई हजार अम्बियाए किराम को भेजा .   उन्ही मशाइखे किराम का फैजान है की आज हिंदुस्तान का कोना  कोना  इस्लाम की रोशनी से बुक्कए नूर बना हुआ है राजस्थान की सरजमीन भी खास अहमियत रखती है यह राजस्थान की खुश किस्मती है की यहाँ हजरत ख्वाजा गरीब नवाज हजरत मुइनुदीन
चिश्ती रह्म्तुल्लाही अलैहि हजरत सूफी हमीदुदीन नागौरी रहमतुल्लाही अलैहि व दीगर अजीम बुजुगारने दीन व औलियाए इजाम की दरगाहे वाकेअ है 

DEVELOPER
IDRISH MOHAMMAD BAGWAN
BAGWAN FARM HOUSE
KHARIYA MITHAPUR 
9829945035
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idrishmohammad92@yahoo.com

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