जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सकें उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ्ज़ो को बर्बाद करना हैं "हज़रत अली
"

Friday 21 December 2012


हजूर फैजे गंजुर शाह मुहम्मद अब्दुल कय्यूम आसीन्द भीलवाडा





 हजरत मुइनुदीन हसन व माइग पीर रायपुर भीलवाडा 

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