जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सकें उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ्ज़ो को बर्बाद करना हैं "हज़रत अली
"

Thursday 20 December 2012

हजरत किश्ते अली शाह , बोरखेडी (बांसवाडा )








कमरुदीन शाह मलंग (कड़े वाले बाबा )

आपका मजार बांसवाडा जिले के घाटोल में तालाब के पास है हजरत का उर्स हर साल अंगेर्जी  महीने की 26 फरवरी को मनाया जाता है बताया जाता है की आप शुरु से ही जंगलो में ही रहते थे आपकी कई करामते जाहिर हुई है आज  भी आपके मजार सर अकीदत मंद फैज़ हासिल कर रहे है ,, 

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